सीने, पैर दोनों में एक साथ होता है दर्द तो हो सकती है ये जानलेवा बीमारी, जानें लक्षण व बचने के उपाय

सीने, पैर दोनों में एक साथ होता है दर्द तो हो सकती है ये जानलेवा बीमारी, जानें लक्षण व बचने के उपाय

अम्बुज यादव

भागदौड़ भरी जिंदगी में आमतौर पर शरीर में दर्द होते हैं और अक्सर लोग इसे सामान्य थकान या दर्द मानकर छोड़ देते हैं। लेकिन कभी-कभी यही दर्द हमारे लिए नुकसानदायक हो जाते हैं। वही ज्यादा चलने फिरने से अक्सर पैरों में दर्द होते हैं और अधिकतर लोगों से सुनने को मिलता है कि उनके सीने में हल्का-फुल्का दर्द होता है, जिसे लोग सामान्य मानकर हमेशा रिलैक्स रहते हैं। लेकिन क्या आपने कभी सुना है कि पैर दर्द और सीने में दर्द एक साथ होता है। आमतौर पर तो ऐसा कम ही सुनने को मिलता है, लेकिन अगर ऐसा किसी व्यक्ति के साथ हो रहा है तो वो गंभीर बीमारी का शिकार होने वाला है। जी हां अगर किसी व्यक्ति को सीने में दर्द हो रहा है, तो उन्हें तुरंत चिकित्सक की सहायता लेनी चाहिए क्योंकि इससे दिल का दौरा पड़ने का संकेत हो सकता है। दरअसल ये पैर का दर्द परिधीय धमनी (आर्टरी) रोग (पीएडी), जिसे पेरिफेरल आर्टरी डिजीज भी कहा जाता है। ये बीमारी तब होती है जब आर्टरी संकीर्ण हो जाती हैं और इनमें फैट जमा हो जाता है।

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2014 के एक अध्ययन के निष्कर्षों के अनुसार, पीएडी वाले लोगों को हृदय संबंधी घटना से मरने का अधिक जोखिम होता है।अगर पेरिफेरल आर्टरी डिजीज बढ़ता है, तो इसका दर्द बढ़ने लगता है और यही आपको अपने पैरों में महसूस होता है। ये पैरों का दर्द तब भी हो सकता है जब आप आराम कर रहे हों या जब आप लेट रहे हों। दर्द बढ़ने के साथ ये आपकी नींद को भी प्रभावित कर सकता है। ऐसे में अपने पैरों को अपने बिस्तर के किनारे पर लटका देना या अपने कमरे में घूमना अस्थायी रूप से दर्द से राहत दे सकता है। वहीं पीएडी का सबसे आम लक्षण जांघों, कूल्हों, या बगल में दर्दनाक दर्द और मांसपेशियों में ऐंठन आदि हो सकता है। 

किन लोगों को हो सकता है पेरिफेरल आर्टरी डिजीज:

राष्ट्रीय हृदय, फेफड़े और रक्त संस्थान के अनुसार, भले ही कोई व्यक्ति पीएडी के लक्षणों का अनुभव नहीं कर रहा हो, फिर भी उन्हें डॉक्टर को देखना चाहिए:

  • 50 वर्ष से कम उम्र और मधुमेह से पीड़ित लोगों को
  • एथोरोसलेरोसिस, जिसमें उच्च रक्तचाप और मोटापा शामिल हैं।
  • धूम्रपान करने वाले लोगों को
  • 70 वर्ष या उससे अधिक आयु के लोगों को
  • कार्डियक सर्जरी के बाद 

अन्य लक्षणों में शामिल हैं:

  • नाखूनों का खराब होना
  • इरेक्टाइल डिसफंक्शन
  • निचले पैर या पैरों में तापमान में एकदम से कमी
  • पैर या पैर की उंगलियों पर घाव

पेरिफेरल आर्टरी डिजीज के कारण:

एथेरोस्क्लेरोसिस का विकास-

पेरिफेरल धमनी रोग अक्सर एथेरोस्क्लेरोसिस के कारण होता है। एथेरोस्क्लेरोसिस में, फैट आपकी धमनी की दीवारों पर निर्माण करते हैं और रक्त के प्रवाह को कम करते हैं।एथेरोस्क्लेरोसिस की चर्चा आमतौर पर हृदय पर केंद्रित होती है, रोग आपके पूरे शरीर में धमनियों को प्रभावित करता है इसलिए इसका असर आप अपने पैरों पर भी देख सकते हैं। आमतौर पर पेरिफेरल आर्टरी डिजीज के कारणों की बात करें, तो उनमें

  • ब्लड वेसल्स में सूजन
  • आपके अंगों पर चोट
  • आपके लिग्मेंट्स या मांसपेशियों की असामान्य शारीरिक रचना या उनमें कुछ कमी

पेरिफेरल आर्टरी डिजीज की जटिलताएं:

पैरों में इस्किमिया: यह स्थिति खुले घावों के रूप में शुरू होती है, जो आपके पैरों या पैरों के घाव, चोट या संक्रमण को ठीक नहीं करते हैं। गंभीर अंग इस्किमिया तब होता है जब ऐसी चोटें या संक्रमण प्रगति करते हैं और गैंग्रीन का कारण बनते हैं। ऐसे में व्यक्ति की कभी-कभी प्रभावित अंग को भी काटना पड़ सकता है। इस तरह ये पीड़ित व्यक्ति के पैरों में इंफेक्शन को रोका जा सकता है। 

स्ट्रोक और दिल का दौरा: एथेरोस्क्लेरोसिस, जो पेरिफेरल आर्टरी रोग के संकेतों और लक्षणों का कारण बनता है, आपके पैरों तक सीमित नहीं है। ब्लड वेसल्स में जमा फैट आपके दिल और मस्तिष्क में ब्लड सर्कुलेशन को रोक सकता है।

पेरिफेरल आर्टरी डिजीज से बचने के उपाय

स्वस्थ जीवन शैली को बनाए रखना पेरिफेरल आर्टरी डिजीज को रोकने का एक आसान तरीका हो सकता है। इसके अलावा भी कुछ और चीजें हैं, जो आपको जिनसे अगर आप बच कर रहें, तो आपको ये पेरिफेरल आर्टरी डिजीज की परेशानी नहीं होगी। इन आदतों में शामिल है:

  • अगर आप धूम्रपान करते हैं, तो इसे छोड़ें।
  • आपको डायबिटीज है, तो अपने ब्लड शुगर को अच्छे से नियंत्रित रखें।
  • नियमित रूप से व्यायाम करें। 
  • 30 से 45 मिनट तक रोज वॉक करें।
  •  कोलेस्ट्रॉल और रक्तचाप के स्तर को कम करें।
  • ऐसे भोजन खाएं जिसमें ज्यादा फैट न हो।

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